कोई खुदा पर ईमान लाया - पोथी बस्ता
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सोमवार, 5 अगस्त 2019

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कोई खुदा पर ईमान लाया

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sagar-singh
कोई खुदा पर ईमान लाया कोई बुतपरस्त हो गया।
मैने भी चुपके से दो घूंट मारी फिर मस्त हो गया।

जाम ला रही थी शाक़ी बड़ी अदा बड़े नख्वत से।
ऊंगलियां उंगलियों से टकराई तो मदमस्त हो गया।

हमसे ना उलझो नासेह अभी हम होश मे नही।
जाओ मस्जिद को जाओ नमाज़ का वक़्त हो गया।

मिलाओ बादे मे बादा क्यों पानी का मजहब बिगाड़ना।
'सागर' ये अंदाज ए मयकशी भी जबरदस्त हो गया।

छुट जाये तार ए नफ़स तो शराब भी छूट जायगी वाइज।
किस का भला कब्र के अंदर भी बन्दोबस्त हो गया।

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