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बुधवार, 25 दिसंबर 2019

अटल थे वे, अटल रहे, Atal Bihari Vajpayee

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जननायक, प्रणायक ,सुखदायक जननेता,
ओजपूर्ण, तेजस्वी, नवभारत प्रणेता, 
राजनीति के दलदल में,
एक वो ही कमल रहे ।
अटल थे वे, अटल रहे ।। 

था विश्व अचंभित , पाक आतंकित,
अमरीका में हाहाकार मचा था । 
परमाणु परिक्षण से तुमने, 
एक नया इतिहास रचा था । 
इस नामुमकिन कार्य में, 
एक वो ही सफल रहे ।
अटल थे वे, अटल रहे  ।।

दिल्ली -मुंबई-कोलकाता-चेन्नई,
राजमार्ग से सभी जुड़ गयी ।
ग्रामीण सड़क योजना संग,
गाँव -गाँव छायी तरंग ।
अपनी कथनी और करनी में,  
एक वो ही अचल रहे । 
अटल थे वे, अटल रहे ।। 

निन्यानवे की कारगिल लड़ाई, 
पाक की थी सेना घुस आयी । 
दरबार दिल्ली मूक ना थी, 
सुरक्षा में हुई चूक ना थी । 
संग जवानों के तब,
खड़े वे प्रतिपल रहे ।
अटल थे वे, अटल रहे  ।।

और कितनी उपलब्धियां गिनाऊँ? 
टेलीकॉम क्रान्ति याद दिलाऊं ?
जी.डी.पी., निजीकरण को बढ़ावा, 
सर्वशिक्षा अभियान चलाया ।
आदर्श ना बदले अपने पर, 
बदलते ये धरातल रहे । 
अटल थे वे , अटल रहे ।। 

कवि ह्रदय , फौलादी तन, 
भयहीन, स्थिर मन ।
रहे शत्रुओं से आज़ाद,
ना अवसाद ना अपवाद ।  
यूँ तो नहीं विदाई पर उनकी, 
जन-जन के नैन सजल रहे ।  
अटल थे वे, अटल रहे  ।।

-अनु नेवटिया

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